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73वां विदेशी मुलाकाती दल

  • País | कोरिया
  • Fecha | Diciembre 31, 2018
मसीह आन सांग होंग के जन्म की 101वीं सालगिराह के अवसर पर, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और यूरोप जैसे पांच महाद्वीपों में 10 देशों के 62 चर्चों से एक विशेष प्रतिनिधिमंडल नई यरूशलेम माता के पास आया। वे एलोहीम परमेश्वर की प्रशंसा करने के लिए कोरिया में आए 73वां विदेशी मुलाकाती दल हैं।

मुलाकाती दल ने 31 दिसंबर 2018 में कोरिया में प्रवेश किया। इसमें गायकों, संगीतकारों और संगीत या नृत्य में विशेष अध्ययन करने वालों समेत पारंपरिक या आधुनिक गायन, संगीत वाद्ययंत्र, और नृत्य के 125 प्रतिभाशाली सदस्य शामिल थे। अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद भी, माता ने सर्दियों के दिन दूर देशों से आए सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया। माता ने उनका जिनकी उन्होंने बहुत याद की थी, आलिंगन किया और उनकी भाषाओं में कहा कि वह उनसे प्रेम करती हैं। साथ ही, माता ने उन्हें कोरिया में बिना किसी असुविधा के रहने की आशीष दी ताकि वे परमेश्वर की महिमा को प्रदर्शित कर सकें और लौटने से पहले पवित्र आत्मा से अधिक प्रेरित हो सकें।

माता से आशीष प्राप्त करने के बाद, मुलाकाती दल के सदस्य तुरंत ओकछन गो एन्ड कम प्रशिक्षण संस्थान में गए और उन्होंने प्रदर्शन का अभ्यास करते हुए वर्ष के अंत का समय बिताया। 3 और 6 जनवरी को जब मसीह के जन्म का उत्सव आयोजित किया गया, वे पिता और माता को इस पृथ्वी में हमें बचाने शरीर में आने के लिए धन्यवाद और प्रशंसा देने हेतु अपनी पारंपरिक पोशाक पहनकर माता और 30,000 से अधिक भाई-बहनों के सामने मंच पर आए। नया गीत और ओपेरा एरिया इत्यादि जैसे भजनों ने विश्वास, आशा और प्रेम से भरे संदेशों से दर्शकों को द्रवित कर दिया। म्यूजिकल प्रदर्शन और सदस्यों के स्वयं के गीतों और नृत्य ने सुसमाचार के लिए उनकी एकता, खुशी और उत्साह को दिखाया।

ⓒ 2018 WATV
मुलाकाती दल के सदस्यों ने कहा कि वे कई बार विशाल मंच पर थे, लेकिन इसके जैसा विशाल नहीं। उन्होंने स्वर्गीय पिता और माता को महिमा दी और स्वर्गीय परिवार के सदस्यों के साथ रहने का आनंद उठाया। अमेरिका में न्यू यॉर्क के न्यू विंडसर से आई बहन अल्लोरा ने कहा, “जब मैं छोटी थी तो मैंने राष्ट्रपति के सामने प्रदर्शन किया था। मुझे एहसास हुआ है, वह आज के प्रदर्शन के लिए केवल एक अभ्यास था। मैं विश्वास नहीं कर सकती कि मैंने परमप्रधान परमेश्वर को महिमा देने का प्रदर्शन किया है। यह एक सपने जैसा लगता है।” उसी चर्च के भाई लेनवूड ने कहा, “मेरे 25 वर्ष तक तुरही बजाने में यह सबसे महत्वपूर्ण और अर्थपूर्ण मंच था। हम महसूस कर सकते हैं कि परमेश्वर ने हमारी अर्पण(प्रदर्शन और प्रशंसा) को स्वीकार किया। नेपाल के काठमांडू से आए डीकन सुशान ने कहा, “नेपाली सदस्यों के पास एक साथ अभ्यास करने का पर्याप्त समय नहीं था क्योंकि हम एक दूसरे से दूर रहते हैं। परन्तु कोरियाई सदस्यों के प्रोत्साहन के इन शब्द कि “हम आपके हिमालय से आने से पहले से ही प्रभावित हैं,” और माता की सहायता को धन्यवाद, हम भी कर सके। यद्यपि हम भिन्न-भिन्न भाषाएं बोलते हैं, परन्तु पिता के प्रति हमारी ललक और माता के प्रति हमारा आभार एक समान ही हैं। इसलिए मुझे और अधिक यकीन हुआ कि हम वास्तव में स्वर्गीय परिवार के सदस्य हैं।”

मुलाकाती दल ने एक्वेरियम, सियोल स्काई वेधशाला और चर्च ऑफ गॉड इतिहास संग्रहालय का दौरा करके कोरियाई संस्कृति का अनुभव किया, और उस सुसमाचार के मार्ग का स्मरण किया जिस पर स्वर्गीय पिता और माता चले। सब्त के दिन पर, उन्होंने नई यरूशलेम फानग्यो मंदिर और पाइयॉन्गटेक और डएजेओन में स्थानीय चर्चों का दौरा किया, तथा कोरियाई भाइयों और बहनों के साथ एलोहीम परमेश्वर की स्तुति की और आराधना मनाई। सभी कार्यक्रम के बाद, 73वें विदेशी मुलाकाती दल के सदस्यों ने जो परमेश्वर की प्रशंसा करने के द्वारा पवित्र आत्मा से पूरी तरह प्रेरित हुए, कहा, “हमें ऐसा लगा जैसे हम स्वर्ग में स्वर्गदूतों के साथ हो।” उन्होंने अपने देशों के लिए रवाना होने से पहले, यह कहते हुए अपना संकल्प व्यक्त किया कि “जब तक हमारे सभी स्वर्गीय परिवार के सदस्य अनंत स्वर्ग के राज्य में हर्षित भोज पर शामिल नहीं हो जाते, तब तक हम सभी जातियों को नई वाचा का सुसमाचार प्रचार करेंगे और अपने पूरे मन और हृदय से अपने बिखरे हुए सदस्यों को ढूंढ़ेंगे।”

ⓒ 2018 WATV